Sunday, June 30, 2019

जीवन मेरा प्रिय मीत


डॉ.कविता भट्ट ‘शैलपुत्री’, 


जीवन मेरा प्रिय मीत
न जाने क्यों भयभीत

निःशब्द और निरुत्तर
आज मृत्युशय्या पर

तुम नयन पट खोलो
मुख से कुछ तो बोलो

क्यों तुम्हें है मृत्यु-भय
तुम करते थे अभिनय

मरते ही रहे तुम निश्छल
मरने से पहले प्रतिपल

उदरक्षुधा थी बलवान
कुत्सित कहलाए महान

उनके तुम पर आदेश चले
हृदय में केवल आवेश पले

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